मैक्सवेल के समीकरण वाक्य
उच्चारण: [ maikesvel k semikern ]
उदाहरण वाक्य
- वहीं पर मैक्सवेल के समीकरण विद्युत-चुंबकीय तरंगों के साथ साथ प्रकाश के व्यवहार की व्याख्या करने मे सफल रहे हैं।
- न्यूटन और आइंस्टाइन के सिद्धांतों से खगोलीय पिंडो तथा प्रकाश के व्यवहार को समझा जा चूका था, मैक्सवेल के समीकरण विद्युत-चुंबकीय व्यवहार की व्याख्या करते थे।
- मैक्सवेल के समीकरण, जो स्थिर धाराओं के मामले में बायोट-सावर्ट सिद्धांत को सरल बनाते हैं, इन बलों को शासित करने वाले क्षेत्रों के मूल और व्यवहार को वर्णित करते हैं.
- विद्युत्चुम्बकत्व के क्षेत्र में मैक्सवेल के समीकरण चार समीकरणों का एक समूह है जो वैद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र, वैद्युत आवेश, एवं विद्युत धारा के अन्तर्सम्बधों की गणितीय व्याख्या करते हैं।
- मैक्सवेल के समीकरण, जो स्थिर धाराओं के मामले में बायोट-सावर्ट सिद्धांत को सरल बनाते हैं, इन बलों को शासित करने वाले क्षेत्रों के मूल और व्यवहार को वर्णित करते हैं.
- विद्युत्चुम्बकत्व के क्षेत्र में मैक्सवेल के समीकरण चार समीकरणों का एक समूह है जो वैद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र, वैद्युत आवेश, एवं विद्युत धारा के अन्तर्सम्बधों की गणितीय व्याख्या करते हैं।
- विद्युत्चुम्बकत्व के क्षेत्र में मैक्सवेल के समीकरण चार समीकरणों का एक समूह है जो वैद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र, वैद्युत आवेश, एवं विद्युत धारा के अन्तर्सम्बधों की गणितीय व्याख्या करते हैं।
- मैक्सवेल के समीकरण, जो स्थिर धाराओं के मामले में बायोट-सावर्ट सिद्धांत को सरल बनाते हैं, इन बलों को शासित करने वाले क्षेत्रों के मूल और व्यवहार को वर्णित करते हैं.
- विद्युत चुंबकत्व में पश्चिम वासियों की खोजों और आविष्कारों में कूलम्ब का नियम (1785), पहली बैटरी (1800), बिजली की एकता और चुम्बकत्व (1820), बायोट-सावर्ट नियम (1820), ओम का नियम (1827), और मैक्सवेल के समीकरण (1871) शामिल हैं.
- विद्युत चुंबकत्व में पश्चिम वासियों की खोजों और आविष्कारों में कूलम्ब का नियम (1785), पहली बैटरी (1800), बिजली की एकता और चुम्बकत्व (1820), बायोट-सावर्ट नियम (1820), ओम का नियम (1827), और मैक्सवेल के समीकरण (1871) शामिल हैं.
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